ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती सिर्फ मुसलमानों के नहीं, सबके हैं

कोलकाताः अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती की दरगाह में हर साल दुनिया भर से करोड़ों लोग आते हैं. इनमें सिर्फ मुसलमान ही नहीं होते हैं, बल्कि सभी धर्म के लोग ख्वाजा के दरबार में सर झुकाने पहुंचते हैं. अंतरराष्ट्रीय कराटे कोच और चैंपियन एमए अली का कहना है कि ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती सिर्फ मुसलमानों के ख्वाजा नहीं है, बल्कि वो सबके हैं.

एमए अली ने कहा कि ख्वाजा का दरबार सबके लिए खुला हुआ है. मुसलमान, हिंदू, सिख, ईसाई, जैन सभी धर्म के लोग यहां अकीदत से अपना सर झुकाते हैं. ख्वाजा के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता है. इस देश में ऐसे करोड़ों हिंदू हैं, जो ख्वाजा के दरबार से आशिर्वाद लेने के बाद ही अपना कोई काम शुरू करते हैं.

एमए अली ने कहा कि आमलोगों से लेकर खास लोग तक हर कोई अजमेर शरीफ के प्रति आस्था रखते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ में चादर भेजते हैं. बॉलीवुड के बड़े-बड़े सुपरस्टार्स अपनी फिल्म की रिलीज से पहले ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती की दरगाह पर दुआ के लिए हाथ उठाते हैं.

एमए अली ने कहा कि ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती ने अपनी पूरी जिंदगी लोगों की भलाई में बिताई थी. उन्होंने सभी को प्यार व शांति का पैगाम दिया है. जिसके चलते हर कोई ख्वाजा के प्रति श्रद्धा रखता है. हर धर्म के लोग उन्हें अपना मानते हैं. ख्वाजा का दरबार प्यार, भक्ति, श्रद्धा और शांति का दरबार है. यहां सभी धर्म के लोगों का स्वागत समान तरीके से किया जाता है. किसी के साथ भेदभाव नहीं होता है.

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