यह हिजाब की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई हैः एमए अली

कोलकाताः कर्नाटक की बीजेपी सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर बैन लगाने की कोशिश के खिलाफ देश भर में आवाज उठ रही है. हिंदुत्ववादी संगठन और उसके समर्थक हिजाब पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं. जिसके खिलाफ भारत का धर्मनिरपेक्ष समाज सड़कों पर उतर आया है. अंतरराष्ट्रीय कराटे कोच और चैंपियन एमए अली ने भी हिजाब पर बैन लगाने की कोशिश की कड़े शब्दों में आलोचना की है.

एमए अली ने कहा कि संविधान ने हम सभी भारतीयों को समान रुप से अपनी पसंद का कपड़ा पहनने का अधिकार है. कोई भी किसी को अपनी पसंद का कपड़ा पहनने के लिए बाध्य नहीं कर सकता हैं.

अंतरराष्ट्रीय कोच और चैंपियन ने कहा कि यह हिजाब की नहीं, बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है. हिजाब की आड़ में देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है.

एमए अली ने कहा कि हमारे कराटे क्लास में हजारों लड़कियां ट्रेनिंग लेती हैं. वो अपनी मर्जी के कपड़े पहनती हैं. कोई साड़ी पहन कर आती है तो कोई हिजाब पहन कर. हमें किसी के ऊपर अपनी पसंद थोपने का कोई अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि असल में हमारा समाज लड़कियों को आगे बढ़ते देखना पसंद नहीं करता है. इसलिए वो उन पर अपनी पसंद थोपने की कोशिश करता है. इस मानसिकता को खत्म करना है. इसके लिए लड़ना होगा. अपनी रक्षा खुद करनी होगी. उसके लिए हर लड़की को कराटे सिखना चाहिए, ताकि वो अपने आप पर किसी को हावी होने न दें.

एमए अली ने कहा कि मैं वर्षों से लड़कियों को मुफ्त में कराटे सिखा रहा हूं. मेरी इच्छा है कि लड़कियां न सिर्फ समाज में अपना मकाम हासिल करें, बल्कि शारीरीक रुप से भी वो मजबूत रहें ताकि उन्हें किसी पर निर्भर न होना पड़े.

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