आसमान को मुट्ठी में करने की कोशिश कर रहीं की दो मुस्लिम लड़कियों की दास्तान: थाईलैंड में होने वाले कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हो चुका है सेलेक्शन, लेकिन जाने के लिए नहीं है पैसे

कोलकाता: भारत का मुस्लिम समाज आमतौर ओर आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। हैंकि पूरी ज़िंदगी अपनी समस्याओं का हल तलाश करने में ही बीत जाती है। लेकिन इन मुश्किल हालात में भी कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो अपनी ज़िंदगी में कोई बड़ा कारनामा कर अपना और अपने देश का नाम रौशन करना चाहते हैं, लेकिन घरोबी उनके पैरों की जंजीर बन जाती है।

ऐसी ही हालात का मुकाबला कर रही हैं कोलकाता की दो मुस्लिम लड़कियां। जो अपनी प्रतिभा के दम पर आसमान को मुट्ठी में कर लेना चाहती हैं, लेकिन घर की आर्थिक तंगीउन्हें ऐसा करने की इजाज़त नहीं दे रही है।

इरम सेराज कोलकाता के राजा बाजारइलाके की रहने वाली हैं। बैतुल माल गर्ल्स हाई स्कूल की छात्रा इरम ने इसी साल माध्यमिक परीक्षा पास किया है। पढ़ाई के साथ-साथ इरम को कराटे का भी शौक है। पिछले पांच साल से वो कराटे की ट्रेनिंग ले रही है। इस दौरान उसने कई मुक़ाबलों में गोल्ड मेडल जीता है। शानदार प्रदर्शन के चलते इरम का सेलेक्शन अगले महीने थाइलैंड की राजधानी बैंगकॉक में होने वाले कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप “वर्ल्ड मीट 2022” में भाग लेने जा रही भारतीय टीम में हुआ है।

कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सेलेक्शन होने से जहां एक तरफ इरम और उसके घर वाले बेहद खुश हैं, वहीं उन्हें इस बात की फ़िक्र भी सता रही है कि आखिर इरम वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए बैंगकॉक कैसे जाएगी?

इरम के घर में कुल सात लोग हैं। मां-बाप, दो भाई और तीन बहनें। घर में कमाने वाले सिर्फ उसके वालिद हैं, जो नोटबुक बनाने का काम करते हैं। सात लोगों का परिवार सिर्फ एक आदमी की कमाई पर निर्भर करता है। इरम के वालिद बड़ी मुश्किल से अपने परिवार की गाड़ी को खींच रहे हैं। उनके लिए तो अपने बच्चों जो दीघा ले जाना भी मुश्किल है। इतनी कमाई में उन्हें अपनी बेटी को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए बैंगकॉक भेजने का खर्च उठाना लगभग नामुमकिन है। उन्हें तो अपनी बेटी का पासपोर्ट बनवाने में भी पसीने छूट गए थे।

चूंकि फुल कॉन्टैक्ट कराटे को ओलंपिक में मान्यता नहीं मिली है, इस लिए इस तरह के मुक़ाबलों को किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिलती है। फलस्वरूप इस तरह के मुक़ाबलों में हिस्सा लेने वालों को अपना खर्च खुद ही उठाना पड़ता है।

वर्ल्ड चैंपियनशिप में इरम के सेलेक्शन की खबर पूरे राजा बाज़ार में फैल चुकी है। उसके स्कूल में भी ये खबर पहुंच चुकी है। हर कोई रमको बधाई भी दे रहा है, लेकिन मदद के लिए एक भी हाथ अभी तक आगे नहीं आया है।

वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए इरम ज़बरदस्त तैयारी कर रही हैं। उसे पूरा यकीन है कि वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में ज़रूर गोल्ड मेडल जीतेगी और अपने मुल्क का नाम रौशन करेगी, लेकिन सवाल यह है कि आखिर इरम बैंगकॉक जाएगी कैसे?

ऐसी ही कहानी उम्मे रूमान की भी है। मोमिन हाई स्कूल की छात्रा उम्मे रूमान का सेलेक्शन भी कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हुआ है। राजा बाजार की ही रहने वाली उम्मे रूमान ने इस साल 26 जनवरी को कोलकाता में हुए राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था।

उम्मे रूमान के घरेलू हालात भी इरम सेराज के घरेलू हालात के समान हैं। उसके घर में भी कुल सात लोग हैं। वालिद मोहम्मद इब्राहिम फुटपाथ पर कपड़े बेचने का काम करते हैं। घर की गाड़ी बड़ी मुश्किल से चलती है।

उम्मे रूमान भी आसमान को मुट्ठी में कर लेना चाहती है। उसे अपनी प्रतिभा और ट्रेनिंग पर पूरा भरोसा है। उसे यकीन है कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में वो देश के लिए गोल्ड मेडल ज़रूर जीतेगी, लेकिन उसे यह पता नहीं है कि वो वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए बैंगकॉक जा पाएगी या नहीं, क्योंकि पिता की कमाई इतनी नहीं है कि वो उम्मे रूमान के बैंगकॉक जाने का खर्च वहन कर सकें।

हमारे समाज में लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें आगे बढ़ाने की बातें तो काफी होती हैं, लेकिन जब इस तरह के मौके सामने आते हैं तो फिर कोई मदद के लिए आगे नहीं आता है।

उम्मे रूमान और इरम सेराज का कहना है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लड़कियों के विकास के लिए काफी काम कर रही हैं। हमलोग भी अपने राज्य और देश का नाम रौशन करना चाहते हैं। अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना चाहते हैं। ऐसे में हमारी ममता दीदी, उनकी सरकार और उनकी पार्टी से इल्तेजा है कि वो हमारे सपने को पूरा करने में हमारी मदद करें। हमलोग अपने बंगाल और अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन कर्मा चाहते हैं। हमारी सभी से दरख्वास्त है कि वो हमारे मिशन को पूरा करने में हमारी मदद करें।

बता दें कि कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप “वर्ल्ड मीट 2022” अगले महीने20 सितंबर को बैंगकॉक में होगा। जिसके आयोजन वर्ल्ड मिक्स्ड मार्शल आर्ट कौंसिल (यूके) कर रहा है। इस प्रतियोगिता में दुनिया भर के मार्शल आर्ट्स के माहिर भाग लेंगे। भारत की एक 32 सदस्यीय टीम वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी, जिसमें छह लड़कियां हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए भारतीय टीम 18 सितंबर को बैंगकॉक रवाना होगी।

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