World Meet 2023 के लिए कोलकाता की छह मुस्लिम लड़कियों का हुआ है सलेक्शन, लेकिन जाने के लिए नहीं हैं पैसे: मदद की गुहार लगा रही हैं कौम की बेटियां

कोलकाता: भारत का मुसलमान अक्सर ये शिकायत करता है कि मुस्लिम बच्चे और बच्चियों को आगे बढ़ने का सही मौका नहीं मिलता है। ये बात काफी हद तक ठीक है, लेकिन ये भी सच्चाई है कि जब कुछ होनहार बच्चों को सही मौका मिलता है तो जरूरत पड़ने पर मुस्लिम समाज उनकी सही मदद नहीं करता है। मदद के इंतजार में मुस्लिम बच्चों का भविष्य और कैरियर दोनों ही बर्बाद हो जाता है। ऐसे ही एक दोराहे पर खड़ी हैं कोलकाता की छह मुस्लिम बच्चियां। आर्थिक तंगी के चलते उनका भविष्य और कैरियर दोनों ही दांव पर लगा हुआ है।

बता दें कि इस साल 20 सितंबर को एक बार फिर बैंगकॉक में मार्शल आर्ट्स का सबसे बड़ा मुकाबला वर्ल्ड मीट होने वाला है। इस अंतराष्ट्रीय मुकाबले में दुनिया भर के मार्शल आर्ट्स फाइटर हिस्सा लेंगे। इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम का चयन हो चुका है। भारतीय टीम में कोलकाता की छह मुस्लिम लड़कियों को जगह मिली है। जो कोलकाता के मुसलमानों के लिए गर्व की बात है। मुसीबत ये है कि इन लड़कियों का भारतीय टीम में चयन तो हो गया है, लेकिन इनका वर्ल्ड मीट में हिस्सा लेना अनिश्चित बना हुआ है।

वर्ल्ड मीट 2023 के लिए कोलकाता की आयशा नूर, इरम सेराज, शीना फैयाज, ओम्मे रूमान, हुमैरा शमी और सूफिया खातून का चयन हुआ है। ये सभी लड़कियां कराटे की बेहतरीन खिलाड़ी हैं और इन्होंने देश से ले कर विदेश तक, भारत के लिए कई मेडल जीते हैं। आयशा नूर तो वर्ल्ड मीट में अब तक चार गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। बाकी लड़कियों ने भी अपने परफॉर्मेंस से देश का नाम रौशन किया है।

लेकिन इस कहानी का दूसरा पहलू बेहद कड़वा है। आयशा नूर, इरम सेराज, शीना फैयाज, ओम्मे रूमान, हुमैरा शमी और सूफिया खातून सभी लड़कियां बेहद गरीब परिवार की हैं। दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने में इनके मां बाप के पसीने छूट जाते हैं। किसी के पिता मजदूर हैं,तो कोई कोलकाता के फुटपाथ पर हॉकरी करता है। आयशा नूर के तो पिता भी नहीं हैं। कई साल पहले उनका इंतकाल हो चुका है। ऊपर से आयशा मिर्गी की रोगी है। हर महीने हजारों रुपए उसकी दवाई पर खर्च हो जाते हैं। उसकी मां बड़ी मुश्किल से उसकी दवाई और दूसरी जरूरी चीजों का इंतजाम करती हैं।

इतनी आर्थिक तंगी के बावजूद इन लड़कियों में ये जिद्द है कि उन्हें अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा करना है कि उससे उनका और उनके देश का नाम रौशन हो। कुछ लोगों की मदद से इन्होंने कराटे की ट्रेनिंग का सिलसिला जारी रखा है। इस दौरान ये लोग बहुत सारे मेडल भी जीत चुकी हैं। लेकिन अब बड़ा इम्तेहान है। वर्ल्ड मीट में हिस्सा लेने के लिए उन्हें बैंगकॉक जाना होगा, जिसके बारे में वो सोच भी नहीं सकती हैं, क्योंकि उनके घर की हालत ऐसी है कि उनके मां बाप इनका दीघा जाने तक का खर्च नहीं उठा सकते हैं।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आयशा नूर, इरम सेराज, शीना फैयाज, ओम्मे रूमान, हुमैरा शमी और सूफिया खातून का क्या होगा? क्या कौम की ये बेटियां वर्ल्ड मीट 2023 में हिस्सा लेने के लिए बैंगकॉक जा सकेंगी, या पैसों की कमी के चलते इनके सपने अधूरे रह जायेंगे? खेल के क्षेत्र में जबरदस्त कामयाबी हासिल करने के बावजूद सरकार की तरफ से तो इन्हें किसी तरह की मदद नही मिल रही है। क्या कौम भी साथ छोड़ देगी? मुसलमान तो जरूरतमंदों की मदद के लिए कुछ भी कर गुजरता है। मदद करते वक्त वो जाति या धर्म की परवाह नहीं करता है। जबकि यहां तो बात अपनी ही कौम की उन बेटियों की है, जो मुल्क और कौम का नाम रौशन करना चाहती हैं। उम्मीद है कि मुसलमान अपने कौम की इन बच्चियों को मायूस नहीं करेंगे और उनकी मदद को जरूर आगे आएंगे।

गौरतलब है कि खेल जगत के जानकारों का मानना है कि वर्ल्ड मीट इन बच्चियों के करियर के लिए बेहद अहम है। अगर ये मुस्लिम बच्चियां बैंगकॉक में होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय मार्शल आर्ट्स टूर्नामेंट में मेडल जीतती हैं तो इससे न सिर्फ इनके कैरियर को काफी बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आगे चल कर इन्हें अच्छी नौकरी भी मिल सकती है। जिससे इनके परिवार की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आ सकता है।

कौम की इन होनहार बच्चियों की मदद के लिए आप इस नंबर 90074 12247 पर कॉल कर ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते हैं। आप सीधे बैंक के जरिए उनकी मदद कर सकते हैं।
Bank Account Details:
Account Holder: Indian Karate Association
Branch: ENTALLY
Bank Name: Punjab National Bank
IFSC : PUNB0008820
Account No : 0088050006576

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